रूस और युक्राइन के बीच चल रहे युद्ध में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने टेक्टिक्ल कमांड को एक्टिव कर दिया और विश्व मीडिया में तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई देने लगी। लेकिन शायद लोग भूल गए कि दुनिया सूचना क्रांति के कारण 75 साल आगे बढ़ चुकी हैं।
ये समय है जब जनता जागरूक भी है और नेताओ के मायाजाल को पहचानने लगी है। वेस्टर्न मीडिया नए पुराने वीडियो निकाल कर रूस में जनता द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन दिखा रहा है हालांकि कुछ स्थानों पर युद्ध के विरुद्ध जनता सड़कों पर आई भी होगी ।
वैसे माना तो ये जा रहा है कि न्यू वर्ल्ड ऑर्डर लागू करने से पहले अपना अपना हिस्सा बांटने से पहले सभी ताकते छीना झपटी कर रही हैं और आशंकित नई दुनियां और नक्शों पर अपने निशान लगा रहे हैं।
इस मार्किंग में ग्रे जोन बनाए जाते है कुछ ऐसे देश जहां की जनता कॉमेडियन को सत्ता सौंप चुकी होती हैं या जोकरों को प्लांट कर दिया जाता हैं।
इस प्रकार देखा जाए तो यह युद्ध यूक्रेन और रूस के बीच न होकर नाटो ( वेस्टर्न पावर ) और ईस्टर्न पावर( रूस चीन ) के बीच ज्यादा लगता हैं।
इस झड़प के तीसरे विश्व युद्ध में बदलने से सबसे बड़ा किरदार जनता सिविल सोसाइटी ही निभा सकती हैं और ऐसा हो भी रहा है।
आज जर्मन के बर्लिन सहित अधिकांश बड़े शहरों में जनता द्वारा युद्ध के विरुद्ध बड़े प्रदर्शन किए गए और प्रदर्शनकारी आवाज बुलंद कर रहे थे War against War, No War,
याद रखना चाहिए कि यदि युद्ध की आग भड़कती है तो जलने वालो में सबसे पहला नंबर यूरोप का होगा और वहां की जनता इतिहास, युद्ध की विभीषिका एवम वास्तविकता जानती है कि लड़ाइयां सिर्फ और सिर्फ बरबादी देकर जाती है बेशक उसका हीरो नेपोलियन हो, मुसोलिनी हो या हिटलर हो।
जर्मनी में जनता द्वारा किए गए इन प्रदर्शनों से उम्मीद बंधती है कि शायद हाल फिलहाल बम बंदूको वाला युद्ध थम जाएं ( रूस के पूर्व विदेशमंत्री के अनुसार दो मार्च तक शांति और समझौता हो सकता है )
लेकिन शायद कोल्ड वॉर सरीखी साइबर एवम मीडिया / प्रोपोगेंडा वार चालू रहेगी और बिना युद्ध किए वैश्विक शक्तियां नए नक्शे बनाकर अपना अपना हिस्सा बांट लेगी।
इन सबके बीच जो अंदेशा जताया जा सकता है वो अगला निशाना दक्षिण एशिया का हो सकता है। शायद चीन के माध्यम से संभावित परिवर्तन भारत में हो !
इसलिए दक्षिण एशिया विशेषकर भारत जैसे बहुल सांस्कृतिक देश की जनता को न केवल सावधान रहना चाहिए अपितु जागरूक भी रहना चाहिए जैसे जर्मनी की जनता ने अपनी सरकार और नेताओ को युद्ध की आग में घी डालने से रोक दिया है वैसे ही भारत की जनता को अपने नेताओ को रोकना होगा कि वो धर्मांधता और जातिवाद से परहेज करें।
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की नई पीढ़ी को इतिहास जरूर पढ़ना चाहिए और सवाल पूछना चाहिए कि 1947 को आजादी के साथ खुद ही खुद के दस लाख इंसानों की हत्या क्यों कर दी गई।
पंजाब और बंगाल जैसी कौमों को क्यों बांट दिया गया ? तब टुकड़े टुकड़े गैंग कौन था और आज कौन है जिसके विरुद्ध सभी इंसानियत के पहरेदारों को आवाज बुलंद करनी है।।
Need of the hour is WAR AGAINST WAR।।।
#jokeoftheday #newsnumberflash ...
#thoughtoftheday #newsnumberflash ...
#suvichar #newsnumberflash ...
#gurbanishabadvichar #newsnumberflash ...
#dahej #newsnumberflash ...
#girlpower #newsnumberflash ...
#savetree #newsnumberflash ...
#milk #newsnumberflash ...
#usedustbins #newsnumberflash ...
#wood #newsnumberflash ...
#saveforest #newsnumberflash ...
#heart #newsnumberflash ...
#respectlabour #newsnumberflash ...
#sukha #newsnumberflash ...
#shrikrishnavani #newsnumberflash ...
#holamohalla #newsnumberflash ...
#gurbanishabadvichar #newsnumberflash ...
#childlabour #newsnumberflash ...
#dahej #newsnumberflash ...
#thoughtoftheday #newsnumberflash ...
#suvichar #newsnumberflash ...