यदि शतरंज के खिलाड़ी फिल्म याद हो तो यह भी याद होगा कि कैसे दुश्मन के सैनिक अवध पर कब्ज़ा करने के लिए पहुंच रहे थे और सल्तनत एकांत में शतरंज की बिसात बिछा कर बैठी थी।। शायद सत्ता का स्वभाव ही यही होता है जो उसे जनता की आवाज़ और तकलीफों से ज्यादा अपनी पकड़ तथा गरुर कायम रखने पर मजबूर किए रहता है।। छह महीने से लाखो किसान दिल्ली की सरहदों पर मोर्चा लगाकर बैठे हैं कि कोई उनकी मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हो जाए किन्तु सरकार को लगता है कि ये आखिरकार थक हारकर खुद चले जाएंगे।
विश्व भर में संवेदनहीन सरकार का तमगा हासिल करने के बाद भी यदि सत्ता को तीन में तीन बार अपनी थाली और उसमे आया भोजन देखकर कुछ अहसास नहीं होता तो क्या कहा जा सकता है ? या शायद सरकार खुद चाहती हैं कि किसानों को गुस्सा आ जाए और कुछ अविश्वसनीय घटित हो।। हरियाणा, पंजाब तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने बीजेपी के नेताओ तथा सरकार का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया हुआ है जिसके कारण कोई भी नेता न सार्वजनिक सभा करने में सक्षम हैं और न ही अपने क्षेत्र में किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है।
गत दिनों पंजाब के रोपड़ जिले में आरएसएस द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप से भी संघ के लोगो को ग्रामीणों ने भगा दिया था जिसके बाद अन्य कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए।। हरियाणा में शुरू से ही व्यापक विरोध चल रहा है जिसके चलते मुख्यमंत्री भी कोई रैली नहीं कर पा रहे।पिछले सप्ताह हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा हिसार के एक अस्पताल के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का व्यापक विरोध किया गया जिसके कारण पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज भी हुआ।। आज उसी घटना के विरोध में हिसार मे संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा महा पंचायत का आयोजन किया जा रहा है जिसको रोकने के लिए राज्य भर के पुलिस बल को तैनात किया गया है।। दो दिन पहले टिकरी बॉर्डर स्थित किसान आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई थी जिसके कारण किसानों को या तो वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी या अंधेरे में जाग कर रात गुजारनी पड़ी क्योंकि अक्सर ऐसा अंदेशा किया जाता है कि बिजली काटने के बाद सरकार भारी पुलिस बल प्रयोग करके किसानों को हटाने का प्रयास कर सकती हैं।
इन सब घटनाओं के विरोध में तथा आंदोलन के छह माह पूरे होने के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन को नई ऊर्जा तथा ताकत से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।। इस संदर्भ में 26 मई को सभी किसानों को अपने अपने घरों पर भी काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ करते हुए दोहराया कि किसान मोर्चे से या तो तीनों बिल वापिस होने के बाद जाएंगे या जब तक जीवित है तब तक आंदोलन जारी रखेंगे।। एक बार फिर गेंद सरकार के पाले में है और देखना है कि सत्ता कितनी संवेदनशील है अथवा अभी भी अपनी शतरंज पर काल्पनिक शह मात खेलती रहती हैं
19 नवम्बर सुबह नौ बजे भारत के अभी सूचना और प्रसारण माध्यमों पर भारतीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अवतरित हुए। आशा की जा रही थी कि श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाए देने के लिए उनका संबोधन होगा क्योंकि शीघ्र ही पंजाब में चुनाव भी होने है।हालांकि उससे दो दिन पहले ही उनके निकटतम माने जाने वाले अमित शाह ने करतार पुर कॉरिडोर को दोबारा शुरू करने की घोषणा कर दी थी। ...
21 नवम्बर 2021 भारतीय प्रधान मंत्री द्वारा खेती विरोधी कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद आज दिल्ली सरहद स्थित किसान आंदोलन स्थल पर श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के उल्लास में शोभा यात्रा निकाली गई और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आपसी चर्चा के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। ...
भारत ! एक देश जिसे दुनियां उसकी सॉफ्ट पॉवर, सर्वधर्म समभाव, लोकतंत्र और समाजिक सौहार्द के कारण आदर सम्मान की नज़रों से देखती थी। ...
बीती रात दिल्ली हरियाणा बॉर्डर स्थित सिंघु बॉर्डर किसान मोर्चा स्थल से एक युवक का शव पुलिस बेरीकेट पर लटका हुआ पाया गया जिसे धारदार हथियारों से मारे जाने के साक्ष्य प्रथम दृष्टया प्राप्त हुए है। ...
किसान आंदोलन और सरकार की साजिशें दोनों आमने सामने अपनी अपनी चाले चल रही है लेकिन हरियाणा के जाट समुदाय की दहिया खाप ने बीजेपी द्वारा फुट डालो राज करो की नीति का उत्तर अनाज से भरी ट्रॉलियां भेज कर दिया।। ...
हरियाणा के विधायक देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को गालियां दिए जाने और तीन किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में आज हरियाणा के टोहाना में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। ...
भारत सरकार द्वारा पारित तीन किसान विरोधी कानूनों के विरूद्ध आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा विरोध दिवस।
किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने के साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को काला दिवस मनाया जा रहा है। ...
हमे भूल तो नहीं गए ? बेशक बच्चे भूल जाए लेकिन मां बाप दुख सहकर भी बच्चो के लिए कुर्बानियां करते हैं।
बेमौसम बरसात के कारण किसान आंदोलन स्थल पर परेशानियां बढ़ी लेकिन उससे ज्यादा दुखद सरकार, मीडिया और दिल्ली वासियों द्वारा नजरंदाज किया जाना है। ...
बंगाल इलेक्शन के रिजल्ट्स और किसान आंदोलन का सम्बन्ध एवम् भविष्य के सम्भावित बदलाव की आहट। ...
गर्मियों के मौसम में घोड़ों को होने वाली परेशानी के कारण निहंग साहेबान द्वारा दिल्ली पुलिस से बेरीकेट्स हटाने की मांग पर विचार के लिए अधिकारी तैयार।। ...
हरियाणा पंजाब बॉर्डर से किसान यूनियन उग्रहां की अपील पर हज़ारों किसानों का दिल्ली की ओर मार्च ...
गाजीपुर बॉर्डर स्थित किसान आंदोलन स्थल पर तेज आंधी के कारण कई तम्बू तथा डेरे गिर गए । ...
वैसाखी नववर्ष पर किसान आंदोलन स्थल पर अपनी मजबूरी का उत्सव मनाते किसान ...
रात भर किसान आंदोलन को केएमपी पेरीफेरल रोड पर जीवित रखने की जद्दोजहद में डटे हुए किसान। ...
किसानों द्वारा कुंडली मानेसर रोड जाम किया गया। ...
आज कुंडली बॉर्डर पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में शनिवार 10 अप्रैल को केएमपी पेरीफेरल रोड को 24 घंटे के लिए जाम करने की घोषणा की गई। ...
करोना के नाम पर किसान आंदोलन को समाप्त कराने की योजना सफल या असफल ...
कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित विशेष प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता उग्राहां साहब ने सरकार को सीधी चुनौती देते हुए संसद घेराव की घोषणा कर दी। ...
कड़कड़ाती सर्दी और बारिश के साथ बर्फीली हवाओं और जीत चुके किसान अब दिल्ली की सरहदों पर अपने मोर्चो से गर्मी को चुनौती देने के लिए भी तैयार है। ...
दिल्ली की सरहदों पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने हेतु एक ओर स्थानीय निवासी भी आते है तो विदेशो में रहने वाले भारतीय जिनकी आत्मा में भारत की मिट्टी की सौंधी खुशबू महकती है वो भी निरन्तर साथ खड़े होकर अपना समर्थन देते है। ...
भारत उत्सवों और तीज त्यौहारों का देश है और ऐसे में होली को विशेष दर्जा केवल इसलिए दिया जाता हैं क्योंकि एक ओर तो सर्दी की विदाई होती हैं तो दूसरी ओर लहलहाती फसलें किसानों को आर्थिक संबल देने के लिए पुकार रही होती हैं। इस वर्ष की होली किसानों के बीच, किसानों के साथ। ...